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लीनियर फोकस्ड शॉकवेव थेरेपी

Best Sexologist Doctor in Udaipur

लीनियर फोकस्ड शॉकवेव थेरेपी

ईडी (स्तंभन दोष) के उपचार के लिए लीनियर फोकस्ड शॉकवेव थेरेपी।

Best Sexologist Doctor in Udaipur – लीनियर शॉक वेव थैरेपी असल में लिंग की धमनियों (आर्टरीज) के ब्लॉकेज (अवरोध) दूर करती है। साथ ही आर्टरीज और टिश्यूज (ऊतकों) को रीजनरेट भी करती है। इससे धमनियों में ब्लड फ्लो (खून का प्रवाह) सुधरता है और नई रक्त धमनियां उभरती, तैयार होती हैं। शॉक वेव्स बहुत अधिक ऊर्जा वाले ध्वनि आवेग होते हैं, जो गहराई में तरंगों की तरह गति कर सकते हैं।

प्रति सत्र कम उपचार अवधि और उच्च सफलता दर के कारण, शॉकवेव उपचार की लगातार बढ़ती मांग है। टेनिस एल्बो या हील स्पर जैसी विशिष्ट शिकायतें कष्टप्रद स्थितियां हैं जो अक्सर उपचार के साथ पूरी तरह से गायब नहीं होती हैं। 

  • सरल दर्द रहित आउट पेशेंट-उपचार।
  • जीवन की बेहतर गुणवत्ता और अधिक सहजता के लिए।
  • विश्वसनीय और वैज्ञानिक रूप से सिद्ध।
  • LSTC-ED एक व्यापक उपचार।
  • प्रभाव  वर्षों तक रहता है।
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Sexology Near Me

इरेक्टाइल डिसफंक्शन ट्रीटमेंट; दुनिया की मानी अत्याधुनिक जर्मन तकनीक अब आपके शहर में

लिनियर शॉकवेव टिश्यू कवरेज मशीन : ईडी पर थैरेपी से इलाज की खास बात यह है कि इसमें न कोई ऑपरेशन होता है, न कोई दवा लेनी पड़ती है और न ही किसी भी तरह का कोई परहेज रखने की जरूरत होती है। मरीज को महज तीन या जरूरत होने पर पांच थैरेपी के बाद इरेक्टाइल डिसफंक्शन से स्थायी रूप से मुक्ति मिल सकती है। इसे थैरेपी साइकल कहते हैं, जो 20 से 25 मिनट तक का होता है। हर दो दिन के अंतराल में थैरेपी दी जाती है। यह इलाज करवाने वाले 80 फीसदी से ज्यादा मरीजों का कहना है कि तीन से पांच साइकिल में उन्होंने इरेक्टाइज डिसफंक्शन से राहत मिली है। जबकि डॉ. राजपूत बताते हैं कि थैरेपी साइकिल बढ़ना कई बार मरीज में बीपी, डायबिटीज या किसी और बीमारी के होने पर निर्भर करता है। इसके बावजूद 6 साइकिल के बाद पूरी तरह सुधार निश्चित है।

रिजल्ट : ब्लॉकेज दूर, रीजनरेट होते हैं आर्टरीज और टिश्यूज, जीरो साइड इफेक्ट के साथ दोहरे फायदे

लीनियर शॉक वेव थैरेपी असल में लिंग की धमनियों (आर्टरीज) के ब्लॉकेज (अवरोध) दूर करती है। साथ ही आर्टरीज और टिश्यूज (ऊतकों) को रीजनरेट भी करती है। इससे धमनियों में ब्लड फ्लो (खून का प्रवाह) सुधरता है और नई रक्त धमनियां उभरती, तैयार होती हैं। थैरेपी पूरी होने के बाद बेहतरीन नतीजे लिंग के आकार और फंक्शन में सुधार के साथ देखने को मिलता है। यानी इससे उत्तेजना में बढ़ोतरी होती है। डॉ. महेंद्र राजपूत के मुताबिक ज्यादातर लोग बरसों तक इरेक्टाइल डिसफंक्शन की तकलीफ झेलने के बाद उत्तेजना लाने वाली विदेशी दवाइयाें, तेल आदि का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन इसके साइड इफेक्ट भी कम नहीं होते। क्योंकि एक तरफ तो मूल समस्या का समाधान ही नहीं हो पाता दूसरी तरफ आर्टिफिशियल इरेक्शन के कारण लिंग कुदरती तौर पर फंक्शन नहीं कर पाता। इससे दूसरी तरह की जटिलताएं बढ़ने की गुंजाइश से इनकार नहीं किया जा सकता।